
गांव कापड़ो में जहरीले कीड़े के काटने से मजदूर की मौत हो गई। अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मृतक की पत्नी के बयान पर इत्तेफाकिया कार्रवाई की है।
मृतक की पहचान कापड़ो निवासी सतीश के रूप में हुई है। मृतक की पत्नी मीरा ने पुलिस को बताया कि वह और सतीश मेहनत-मजदूरी करते थे। 5 अक्टूबर को वे गांव के बारु के खेत में बाजरे की सिरटी तोड़ने गए थे।
सुबह करीब 11 बजे खेत में काम करते समय सतीश को दाहिने पैर में कुछ चुभने का एहसास हुआ, लेकिन उन्होंने उस पर ध्यान नहीं दिया और काम जारी रखा। उसी रात करीब 10 बजे सतीश के पैर में तेज दर्द शुरू हो गया।

7 दिन बाद इलाज के दौरान मौत
उनके देवर कर्मवीर उन्हें खेड़ी चौपटा के एक अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने जहरीले कीड़े के काटने की पुष्टि की। प्राथमिक उपचार के बाद परिजन उन्हें घर ले आए। अगले दिन भी हालत में सुधार न होने पर 6 अक्टूबर को उन्हें ‘दादी गोरी’ पर झाड़ा लगवाने ले जाया गया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
स्थिति गंभीर होने पर 8 अक्टूबर को सतीश को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई और 12 अक्टूबर को उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिवार के एकमात्र कमाने वाला सदस्य था सतीश
नारनौंद थाना पुलिस ने मृतक की पत्नी मीरा के बयान पर इत्तेफाकिया कार्रवाई दर्ज की है। पुलिस के अनुसार, यह मौत प्राकृतिक कारणों से हुई प्रतीत होती है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि सतीश अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनका अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया।


















