

स्थानीय किसान- जयबीर, संदीप, राजेश आदि ने बताया कि देर रात सिंचाई विभाग द्वारा नहर में पानी छोड़ा गया था। जैसे ही माइनर में पानी का दबाव बढ़ा, खेदड़ गांव के समीप माइनर का एक हिस्सा टूट गया। जिसके बाद देखते ही देखते पानी खेतों में फैल गया और फसलों को नुकसान पहुंचाने लगा।

सिंचाई विभाग ने शुरू कराया मरम्मत कार्य
वीरवार सुबह जब किसान खेतों में पहुंचे तो उन्होंने माइनर में आई बड़ी दरार देखी और तुरंत इसकी सूचना सिंचाई विभाग को दी। सूचना मिलते ही विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे और जेसीबी मशीनों की मदद से मरम्मत कार्य शुरू कराया।

विभाग माइनर के टूटने के सटीक कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मिट्टी की ढलान कमजोर होने या अचानक पानी का दबाव बढ़ने से माइनर टूटी होगी।
नरमा और कपास की फसल प्रभावित
गांव खेदड़ और आसपास के इलाकों में किसानों की नरमा व कपास की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। सिंचाई विभाग अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और माइनर को दरार को पाटा जा रहा है ताकि माइनर में दोबारा से पानी की सप्लाई बहाल की जा सके।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि टूटे हिस्से की मरम्मत जल्द से जल्द की जाए और प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए।


















